Patna News: सिर्फ 26 सेकंड चला NDA का घोषणापत्र लॉन्च! कांग्रेस बोली — बिहार और बिहारी का हुआ अपमान
Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। लेकिन इस कार्यक्रम से
Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। लेकिन इस कार्यक्रम से ज्यादा चर्चा उस बात की हो रही है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया। कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि यह केवल मुख्यमंत्री का नहीं, बल्कि पूरा बिहार और बिहारियों का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए का घोषणापत्र कार्यक्रम महज़ 26 सेकंड में खत्म हो गया क्योंकि नेताओं को पत्रकारों के सवालों का सामना करने का साहस नहीं था।
“नीतीश कुमार को बोलने से रोका गया” — कांग्रेस का आरोप
अशोक गहलोत ने कहा कि मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे। घोषणापत्र जारी होते ही सभी नेता मंच छोड़कर चले गए। केवल उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कुछ पत्रकारों के सवालों के जवाब देने के लिए रुके।
गहलोत ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को बोलने का अवसर नहीं दिया गया, जबकि वे मुख्यमंत्री हैं और घोषणापत्र उनके नेतृत्व वाली सरकार का होना चाहिए था। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब इतनी कमजोर स्थिति में हैं कि उन्हें अपने ही गठबंधन के घोषणापत्र पर बोलने की अनुमति नहीं है?”
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कहा कि मुख्यमंत्री को मंच पर बोलने से रोकना न केवल व्यक्तिगत अपमान है, बल्कि यह बिहार और बिहारियों का भी अपमान है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एनडीए के नेताओं में बिहार के 20 वर्षों के शासन का रिपोर्ट कार्ड पेश करने का साहस नहीं था। गहलोत ने कहा, “अगर एनडीए सरकार ने वाकई में काम किया है, तो उन्हें पहले अपने पिछले 20 सालों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना चाहिए था। लेकिन वे केवल झूठे वादे करने में लगे हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस आने वाले दिनों में इस मुद्दे को सार्वजनिक सभाओं में उठाएगी और एनडीए से हर वादे का हिसाब मांगेगी।
एनडीए के वादे और विपक्ष की प्रतिक्रिया — “झूठ का पुलिंदा”
एनडीए ने अपने घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए हैं — 10 लाख युवाओं को रोजगार, 10 लाख “लखपति दीदी” बनाने का लक्ष्य, चार और शहरों में मेट्रो सेवा, सात अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, सात एक्सप्रेसवे, 10 औद्योगिक पार्क, केजी से पीजी तक निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे अनुसूचित जाति छात्रों को ₹2,000 मासिक अनुदान देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने इसे “झूठ का पुलिंदा” करार दिया। गहलोत ने कहा, “इन वादों में सच्चाई नहीं है, यह जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।” वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी एनडीए के घोषणापत्र को “जुमला पत्र” बताया। उन्होंने कहा, “असल में इसे ‘सॉरी लेटर’ कहा जाना चाहिए, क्योंकि पिछले 20 वर्षों में इन लोगों ने जनता के लिए कुछ नहीं किया। उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।” तेजस्वी ने तंज कसा, “इनके पास अब वादे करने को कुछ बचा ही नहीं था, इसलिए पूरा कार्यक्रम 30 सेकंड में खत्म हो गया।”
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