PM Kusum Yojana: सोलर प्लांट से बदलेगा बिहार का चेहरा! PM कुसुम योजना से मिली बिजली और वित्तीय लाभ
PM Kusum Yojana: बिहार के औरंगाबाद जिले में अब स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। इस दिशा में जिले के रफीगंज के बघौरा गांव में पहली सोलर प्लांट की स्थापना की गई है। इस सोलर प्लांट का उद्देश्य बिजली की आपूर्ति को बेहतर बनाना है और इसके लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है ताकि लोग आसानी से बिजली प्राप्त कर सकें।
PM Kusum Yojana: बिहार के औरंगाबाद जिले में अब स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। इस दिशा में जिले के रफीगंज के बघौरा गांव में पहली सोलर प्लांट की स्थापना की गई है। इस सोलर प्लांट का उद्देश्य बिजली की आपूर्ति को बेहतर बनाना है और इसके लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है ताकि लोग आसानी से बिजली प्राप्त कर सकें।
सोलर प्लांट के अभियंता राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह प्लांट सन फार्मा कंपनी द्वारा 2017 में स्थापित किया गया था। इस प्लांट से जो बिजली उत्पन्न होती है, उसे रफीगंज के ग्रिड में भेजा जाता है। इस सोलर प्लांट से रोज़ाना 20 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है और यह बिजली राज्य सरकार के बिजली उत्पादन की लागत को लगभग आधा कर देती है। इस योजना से न केवल बिजली की आपूर्ति बढ़ी है बल्कि किसानों को भी लाभ हो रहा है क्योंकि सरकार इस बिजली को खरीदती है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना से मिल रही है बड़ी मदद
राजेश कुमार सिंह ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करने पर सरकार करोड़ों रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना में सरकार द्वारा उत्पादित बिजली की खरीदारी की जाती है और इस लाभ से किसान भी सीधे जुड़े होते हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि बिजली की किल्लत को दूर किया जा सके। इस योजना में 4-5 एकड़ ज़मीन की आवश्यकता होती है और इसपर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं।
किसे मिलेगा फायदा, क्या हैं जरूरी दस्तावेज़
इस योजना का फायदा कोई भी व्यक्ति उठा सकता है, जिनमें किसान, किसान समूह, सहकारी समितियाँ और पंचायतें शामिल हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को क्लास थ्री डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर जैसे जरूरी दस्तावेज़ प्रदान करना होंगे। इस योजना में कोई तकनीकी या वित्तीय मानदंड नहीं हैं, जिससे इसे हर कोई आसानी से अपना सकता है।
यह सोलर प्लांट न केवल जिले की बिजली आपूर्ति को बेहतर बना रहा है बल्कि सरकार के लिए भी एक बड़ा वित्तीय लाभ लेकर आ रहा है। जब बिजली सोलर प्लांट से उत्पन्न होती है, तो इसे दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा 25 साल तक खरीदा जाएगा। इस पहल से ऊर्जा की खपत कम करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है क्योंकि सोलर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।
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