Jharkhand News: झारखंड की पानी की समस्या पर केंद्र की मदद कितनी मिलेगी? वित्त आयोग के सामने उठेगा बड़ा सवाल

Jharkhand News: झारखंड सरकार राज्य में पीने के पानी की गंभीर समस्या को लेकर केंद्र से वित्तीय सहायता मांगने वाली है। केंद्रीय सरकार की 16वीं वित्त आयोग की टीम बुधवार को झारखंड दौरे पर रांची पहुंचेगी। इस चार दिवसीय दौरे में टीम के सदस्य पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जा रहे क्षेत्रों की जानकारी लेंगे। इस दौरान वे देवघर के पतरातु डैम और बाबा मंदिर भी जाएंगे। झारखंड सरकार के 54 अधिकारी और कर्मचारी छह विभिन्न टीमों में बांटकर उनकी सुरक्षा और कार्यक्रमों की देखरेख करेंगे।

May 28, 2025 - 11:17
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Jharkhand News: झारखंड की पानी की समस्या पर केंद्र की मदद कितनी मिलेगी? वित्त आयोग के सामने उठेगा बड़ा सवाल

Jharkhand News: झारखंड सरकार राज्य में पीने के पानी की गंभीर समस्या को लेकर केंद्र से वित्तीय सहायता मांगने वाली है। केंद्रीय सरकार की 16वीं वित्त आयोग की टीम बुधवार को झारखंड दौरे पर रांची पहुंचेगी। इस चार दिवसीय दौरे में टीम के सदस्य पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जा रहे क्षेत्रों की जानकारी लेंगे। इस दौरान वे देवघर के पतरातु डैम और बाबा मंदिर भी जाएंगे। झारखंड सरकार के 54 अधिकारी और कर्मचारी छह विभिन्न टीमों में बांटकर उनकी सुरक्षा और कार्यक्रमों की देखरेख करेंगे।

वित्त आयोग को प्रस्तुत की जाएंगी विस्तृत मांगें

झारखंड सरकार ने वित्त आयोग से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की मांग की है। इसमें जीएसटी के हिस्से में वृद्धि भी शामिल है। अधिकारियों द्वारा इन मांगों की विस्तृत जानकारी टीम को दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पहले ही जीएसटी में राज्य सरकार के हिस्से को 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग कर दी है। इसके अलावा केंद्र करों में क्षैतिज हिस्से को 3.30 प्रतिशत करने के लिए भी झारखंड सरकार अपना तर्क देगी। पिछले वित्त आयोगों में यह हिस्सा क्रमशः 3.139 और 3.30 प्रतिशत था।

केंद्र पर निर्भरता और वित्तीय असमंजस

वित्त आयोग के हिस्से में वृद्धि होने पर राज्य सरकार केंद्र पर निर्भर हो जाएगी। क्षैतिज हिस्से में बढ़ोतरी से राज्य को अपनी मर्जी से खर्च करने की स्वतंत्रता मिलेगी। हालांकि वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि इन मांगों में से ज्यादा कुछ मिलने की संभावना कम है। इसके अलावा झारखंड सरकार ने जल संरक्षण और सिंचाई उपायों के लिए विशेष बजट की भी मांग की है। राज्य में सिंचाई सुविधाओं की कमी से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। खासकर खरीफ की फसल के लिए पानी की आवश्यकता बहुत ज्यादा होती है।

जल संकट और पर्यावरणीय मुद्दे

झारखंड सरकार की सबसे बड़ी मांग जल संकट से जुड़ी हुई है। राज्य के ऐसे स्थानों को उदाहरण के तौर पर पेश किया जा रहा है जहां लाल पानी मिलता है। साथ ही काला, गंदा और जहरीला पानी मिलने वाली जगहों का भी जिक्र हो रहा है। जादुगुड़ा क्षेत्र जहां बच्चों में विकलांगता की घटनाएं बढ़ रही हैं उसे भी इस समस्या के तहत रखा गया है। इसके अलावा राज्य सरकार केंद्र से खनिज परिवहन के कारण प्रकृति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी धन मांग रही है। पिछले वर्षों में भी इस तरह की मांग की गई थी लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

टीम का दौरा और स्थानीय जानकारी

रांची पहुंचने के बाद केंद्रीय टीम के लगभग दस अधिकारी सीधे रामगढ़ के पतरातु डैम जाएंगे। वहां वे स्थानीय लोगों से बातचीत कर पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेंगे। इसके साथ ही छह अन्य टीमें झारखंड सरकार के छह आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग उद्देश्यों के लिए मौजूद रहेंगी। इस दौरे का मकसद राज्य की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति का बारीकी से अध्ययन कर बेहतर समाधान ढूंढना है।

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