Bihar News: नीतीश के करीबी ने खेला बड़ा दांव अब उन्हीं के गांव से करेगा नई राजनीति की शुरुआत
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं लेकिन सियासी हलचलें जोरों पर हैं। नेता एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं और माहौल तेजी से बदल रहा है। इसी बीच बड़ी खबर यह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज जनसुराज पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। यह वही पार्टी है जिसे प्रशांत किशोर ने शुरू किया है।
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं लेकिन सियासी हलचलें जोरों पर हैं। नेता एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं और माहौल तेजी से बदल रहा है। इसी बीच बड़ी खबर यह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज जनसुराज पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। यह वही पार्टी है जिसे प्रशांत किशोर ने शुरू किया है। आरसीपी सिंह न केवल खुद इस पार्टी में शामिल होंगे बल्कि अपनी बनाई पार्टी 'आप सबकी आवाज' का विलय भी इसी में कर देंगे।
'आप सबकी आवाज' से 'जनसुराज' तक का सफर
आरसीपी सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में 'आप सबकी आवाज' नाम से अपनी नई पार्टी का एलान किया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी बिहार की 140 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन अब वह अपनी पूरी ताकत जनसुराज पार्टी के साथ लगाने जा रहे हैं। आज रविवार को वह पटना में प्रशांत किशोर के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। साथ ही वे 'बिहार बदलाव हस्ताक्षर अभियान' की शुरुआत भी करेंगे और वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा से। यह कदम अपने आप में प्रतीकात्मक है क्योंकि आरसीपी सिंह कभी नीतीश के सबसे करीबी माने जाते थे।
आरसीपी सिंह का राजनीतिक सफर काफी रोचक रहा है। वह राजनीति में आने से पहले आईएएस अधिकारी थे और उत्तर प्रदेश कैडर में काम कर चुके थे। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की और फिर जेएनयू दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 2010 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में कदम रखा और जेडीयू में शामिल हो गए। नीतीश कुमार से उनके पुराने और बहुत करीबी रिश्ते थे। वह सात साल तक नीतीश के निजी सचिव रहे और जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने तब आरसीपी सिंह ने मुख्य सचिव के रूप में भी काम किया।
पार्टी में ऊँचे पद और फिर गिरावट
राजनीति में आने के बाद आरसीपी सिंह ने तेजी से तरक्की की। उन्हें राज्यसभा भेजा गया और पार्टी में रणनीतिक भूमिका सौंपी गई। दिसंबर 2020 में उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके अलावा केंद्र सरकार में मंत्री बनने का अवसर भी मिला। लेकिन समय के साथ उनके और नीतीश कुमार के रिश्तों में खटास आने लगी। जेडीयू से दूरी बढ़ती गई और अंत में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई लेकिन अब वह प्रशांत किशोर के साथ मिलकर नया सियासी अध्याय शुरू करने जा रहे हैं।
बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आरसीपी सिंह का जनसुराज पार्टी में जाना एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है। खासकर इसलिए क्योंकि वह कभी नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार थे और अब उन्हीं के खिलाफ सियासी रणनीति तैयार कर रहे हैं। कल्याण बिगहा से अभियान की शुरुआत करना इस बात का संकेत है कि वे नीतीश को सीधी चुनौती देने के मूड में हैं। इस गठबंधन से जनसुराज पार्टी को संगठनात्मक मजबूती मिल सकती है और बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। आगे आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह की चुनावी रणनीति और भूमिका पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।
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