Bihar news: गंगा की लहरों पर दौड़ेगी मेट्रो! कोच्चि की टीम लाई बिहार के लिए जल क्रांति का प्लान
Bihar news: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अब हकीकत बनने जा रहा है क्योंकि बिहार में वॉटर मेट्रो की शुरुआत की जा रही है। यह योजना गंगा नदी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों से जोड़ेगी जिससे बिहार की जनता को भारी ट्रैफिक से राहत मिलेगी।
Bihar news: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अब हकीकत बनने जा रहा है क्योंकि बिहार में वॉटर मेट्रो की शुरुआत की जा रही है। यह योजना गंगा नदी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों से जोड़ेगी जिससे बिहार की जनता को भारी ट्रैफिक से राहत मिलेगी। इस प्रोजेक्ट का पहला कदम पटना मेट्रो के पहले फेज के साथ जुड़ा है जो अगस्त महीने में शुरू हो रहा है। इसके बाद वॉटर मेट्रो चलाने की तैयारी शुरू की जाएगी जिससे यात्रियों को सड़क के बजाय जल के रास्ते बेहतर और सस्ता विकल्प मिलेगा।
उत्तर बिहार को जोड़ेगा वॉटर मेट्रो से
यह वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट उत्तर बिहार को एनआईटी के पटना मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगा जिससे दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और पर्यटकों के लिए यह एक नया आकर्षण बनेगा। इस परियोजना के लिए केरल की कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के तीन अधिकारियों की एक टीम चार दिनों के लिए पटना आई थी। इस टीम ने गंगा के अलग-अलग हिस्सों का प्रारंभिक अध्ययन किया और योजना का प्रारूप तैयार किया ताकि तकनीकी और भौगोलिक रूप से उपयुक्त स्थानों की पहचान की जा सके।
गंगा के किनारे इन स्थानों का हुआ निरीक्षण
जो स्थान इस परियोजना के लिए अध्ययन में शामिल किए गए उनमें गंडक नदी, सोनपुर, हाजीपुर, कोन्हारा, दानापुर, दीघा, बिदुपुर, गायघाट और पहेलाजा घाट शामिल हैं। इन क्षेत्रों का निरीक्षण करके अधिकारियों ने देखा कि कहां-कहां जल मार्ग आसानी से उपलब्ध है और यात्री सुविधा के लिए अनुकूल है। आंतरिक जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक अरविंद कुमार ने जानकारी दी कि कोच्चि में केरल सरकार पहले से ही सस्ते दरों में जल परिवहन सेवा दे रही है और अब उसी मॉडल को बिहार में लागू किया जाएगा।
अन्य राज्यों में भी होगी वॉटर मेट्रो की शुरुआत
बिहार के अलावा अन्य कई राज्यों में भी वॉटर मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज वाराणसी और अयोध्या जैसे शहरों में जल मेट्रो की सुविधा देने की योजना है। इसके साथ ही जम्मू और श्रीनगर जैसे ठंडे इलाकों में भी डल झील के माध्यम से मेट्रो चलाने की योजना बन रही है। पश्चिम बंगाल के हुगली से लेकर कर्नाटक के मैंगलुरु और महाराष्ट्र के मुंबई व वसई तक यह परियोजना फैलाई जाएगी। साथ ही अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीपों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि जल परिवहन को बढ़ावा मिले।
कम किराया और अधिक सुविधा देगी यह जल मेट्रो
वॉटर मेट्रो का किराया काफी सस्ता रखा जाएगा जिससे आम आदमी भी इसका उपयोग कर सके। दिल्ली मेट्रो का अधिकतम किराया 60 रुपये है जबकि वॉटर मेट्रो का अधिकतम किराया 40 रुपये ही होगा। इसमें 50 लोग बैठकर और 50 लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं जिससे कुल 100 यात्रियों की क्षमता होगी। आईडब्ल्यूएआई के निदेशक के अनुसार गंगा में वॉटर मेट्रो चलाने के लिए केवल एक मीटर से कम पानी की आवश्यकता होगी जिससे यह योजना बहुत ही सरलता से लागू की जा सकेगी।
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