Chhindwara News: छिंदवाड़ा में दिल दहला देने वाली घटना, मोबाइल छिनते ही बच्ची ने की आत्महत्या
Chhindwara News: छिंदवाड़ा जिले के कुंडीपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिवनी प्राणमोती गांव में एक दुखद घटना घटी है, जहां मोबाइल फोन को लेकर हुए विवाद के बाद दीपिका धुर्वे नाम की 11 वर्षीय बच्ची ने खुदकुशी कर

Chhindwara News: छिंदवाड़ा जिले के कुंडीपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिवनी प्राणमोती गांव में एक दुखद घटना घटी है, जहां मोबाइल फोन को लेकर हुए विवाद के बाद दीपिका धुर्वे नाम की 11 वर्षीय बच्ची ने खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि आठवीं कक्षा की छात्रा दीपिका घर में अकेली अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रही थी, तभी उसकी मां ने उसे डांटा और मोबाइल छीन लिया। गुस्से और मानसिक परेशानी में आकर दीपिका ने घर के अंदर दुपट्टे से फांसी लगा ली।
परिवार का सदमा और पुलिस जांच
घटना के समय दीपिका के पिता दीपक धुर्वे काम पर गए हुए थे, जबकि उसकी मां और बड़ी बहन घर के बाहर बैठी थीं। बाद में जब उसकी मां घर में दाखिल हुई तो उसने दीपिका को फंदे से लटका हुआ पाया। पुलिस को सूचना दी गई और तुरंत जांच शुरू की गई। कुंडीपुरा थाना प्रभारी मनोज बघेल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामला दर्ज कर लिया गया है। शुरुआती जांच से पता चलता है कि मोबाइल फोन को लेकर लड़की के भावनात्मक संकट के कारण यह दुखद घटना हुई।
एक होनहार छात्र और मोबाइल की लत का प्रभाव
दीपिका का परिवार मूल रूप से अमरवाड़ा तहसील का रहने वाला है, लेकिन मजदूरी के लिए सिवनी प्राणमोती गांव में अस्थायी रूप से रह रहा था। दीपिका को स्थानीय सरकारी स्कूल की एक होनहार छात्रा बताया गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने खासकर बच्चों में मोबाइल फोन की लत के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल फोन और डिजिटल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और माता-पिता को सख्त नियंत्रण लागू करने के बजाय खुला संचार बनाए रखने और मार्गदर्शन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बच्चों के बीच प्रौद्योगिकी के संतुलित उपयोग की आवश्यकता
यह विनाशकारी घटना बच्चों की तकनीक पर भावनात्मक निर्भरता को लेकर बढ़ती चिंता को उजागर करती है। विशेषज्ञ संतुलित मोबाइल फोन के उपयोग और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने के महत्व पर जोर देते हैं। माता-पिता और अभिभावकों को उचित संचार के माध्यम से बच्चों का मार्गदर्शन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि डिजिटल विकर्षणों से उनकी भावनात्मक भलाई से समझौता न हो। दीपिका की दुखद क्षति आज के युवाओं के सामने आने वाली भावनात्मक और तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता की एक दर्दनाक याद दिलाती है।
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