Chief Minister Balika Poshak Yojana: जिस योजना ने बदल दी लड़कियों की किस्मत जानिए कैसे एक यूनिफॉर्म ने शिक्षा में क्रांति ला दी
Chief Minister Balika Poshak Yojana: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में एक ऐसी योजना शुरू की जिसने लड़कियों की शिक्षा की दिशा ही बदल दी। मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोषाक योजना का मकसद था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आर्थिक मदद देकर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस योजना के तहत अब तक करीब एक करोड़ 94 लाख से भी ज़्यादा लड़कियां लाभ ले चुकी हैं। सरकार ने इस योजना में 14 वर्षों में 24 अरब से भी ज्यादा रुपये बांटे हैं।
Chief Minister Balika Poshak Yojana: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में एक ऐसी योजना शुरू की जिसने लड़कियों की शिक्षा की दिशा ही बदल दी। मुख्यमंत्री शताब्दी बालिका पोषाक योजना का मकसद था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आर्थिक मदद देकर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस योजना के तहत अब तक करीब एक करोड़ 94 लाख से भी ज़्यादा लड़कियां लाभ ले चुकी हैं। सरकार ने इस योजना में 14 वर्षों में 24 अरब से भी ज्यादा रुपये बांटे हैं।
शुरुआत और धीरे-धीरे हुआ विस्तार
इस योजना की शुरुआत सत्र 2011-12 में हुई थी जिसमें नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की छात्राओं को शामिल किया गया था। शुरू में हर साल हर लड़की को एक हजार रुपये दिए जाते थे ताकि वे स्कूल यूनिफॉर्म खरीद सकें। वर्ष 2018-19 में यह राशि बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई। यह पैसा सीधे छात्रा के बैंक खाते में भेजा जाता है जिससे किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं होती।
इस योजना का असर साफ तौर पर सरकारी स्कूलों में देखा गया है। जहां 2011 में लड़कियों की उपस्थिति सिर्फ 33 प्रतिशत थी वहीं अब यह आंकड़ा 97 प्रतिशत से भी ऊपर पहुंच चुका है। इसका सीधा मतलब है कि योजना ने लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया है और वे नियमित स्कूल जाने लगी हैं। यह बदलाव समाज में जागरूकता और शिक्षा के प्रति रूझान को दर्शाता है।
लड़कियों को मिली आत्मनिर्भरता की राह
इस योजना से सिर्फ पोषाक नहीं मिली बल्कि लड़कियों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है। अब वे स्कूल में खुद को बराबरी पर महसूस करती हैं। इस योजना ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया है। गांव की गरीब बच्चियां भी अब स्कूल जा रही हैं और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
मुख्यमंत्री बालिका पोषाक योजना को देश और दुनिया में सराहना मिली है। इसका असर सिर्फ बिहार में नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लिए भी प्रेरणा बना है। इस योजना की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर नीयत साफ हो और लक्ष्य सटीक हो तो कोई भी योजना समाज में बदलाव ला सकती है।
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