Baba Shivanand Death: योग से जीवन और जीवन से अमरता तक… बाबा शिवानंद अब इतिहास बन गए!
Baba Shivanand Death: काशी नगरी के प्रसिद्ध योग गुरु और पद्मश्री से सम्मानित बाबा शिवानंद महाराज का 30 अप्रैल को निधन हो गया। बाबा शिवानंद का निधन वाराणसी के सर सुंदरलाल अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ
Baba Shivanand Death: काशी नगरी के प्रसिद्ध योग गुरु और पद्मश्री से सम्मानित बाबा शिवानंद महाराज का 30 अप्रैल को निधन हो गया। बाबा शिवानंद का निधन वाराणसी के सर सुंदरलाल अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। बताया जा रहा है कि उनकी उम्र 129 वर्ष थी और वे वाराणसी के कबीर नगर इलाके के निवासी थे। देशभर में वे अपनी लंबी उम्र के साथ-साथ अपने अनुशासित योग जीवन और दैनिक दिनचर्या के लिए पहचाने जाते थे। जब उन्हें वर्ष 2022 में पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में झुकने वाला उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
बाबा शिवानंद के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “योग और साधना को समर्पित काशीवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उनका जीवन हर पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा। समाज सेवा के कार्यों के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनका शिवलोक गमन काशीवासियों और करोड़ों प्रेरणा लेने वालों के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उन्हें इस दुःख की घड़ी में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” बाबा के देहांत की खबर मिलते ही वाराणसी और पूरे देश में शोक की लहर फैल गई।
बचपन से ही कष्टों में बीता जीवन, फिर भी नहीं टूटी साधना
स्वामी शिवानंद बाबा का जन्म 8 अगस्त 1896 को तत्कालीन अविभाजित बंगाल के श्रीहट्ट ज़िले (जो अब बांग्लादेश में है) में हुआ था। उनका बचपन अत्यंत गरीबी में बीता। जब वे मात्र 6 वर्ष के थे, तब भूख के कारण उनके माता-पिता और बहन की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी आध्यात्मिक और योग की शिक्षा बाबा ओंकारानंद गोस्वामी के सान्निध्य में प्राप्त की। धीरे-धीरे उन्होंने अपने जीवन को योग, तप और सेवा के लिए समर्पित कर दिया। बाबा सुबह तीन बजे उठकर योग साधना करते थे और सात्विक जीवन जीने के लिए जाने जाते थे।
योग और सेवा के लिए मिला पद्मश्री, बने सबसे बुजुर्ग सम्मानित व्यक्ति
बाबा शिवानंद को वर्ष 2022 में भारत सरकार ने योग और समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। उस समय वे 125 वर्ष के थे और पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले देश के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बने थे। जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को झुककर प्रणाम किया तो पूरे देश ने उनकी विनम्रता और संस्कारों की प्रशंसा की थी। बाबा हमेशा कहते थे कि लंबी उम्र का रहस्य सादा जीवन और नियमित योग है। उनका जीवन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और अब उनके निधन से पूरे देश में शोक की भावना है।
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