Bihar News: बिहार की बेटियों की ऐतिहासिक जीत – Khelo India Youth Games में गोल्ड हासिल किया!
Bihar News: बिहार की बेटियों ने पहली बार खेले गए रग्बी मुकाबले को ऐतिहासिक बना दिया। Khelo India Youth Games 2025 में फाइनल में ओडिशा को 22-0 से हराकर उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस जीत की हीरो थीं अंशु कुमारी सलोनी कुमारी और अल्पना कुमारी।
Bihar News: बिहार की बेटियों ने पहली बार खेले गए रग्बी मुकाबले को ऐतिहासिक बना दिया। Khelo India Youth Games 2025 में फाइनल में ओडिशा को 22-0 से हराकर उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस जीत की हीरो थीं अंशु कुमारी सलोनी कुमारी और अल्पना कुमारी। इन तीनों खिलाड़ियों ने न सिर्फ टीम को जीत दिलाई बल्कि साहस आत्मविश्वास और नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल भी कायम की। यह जीत सिर्फ एक मेडल नहीं थी बल्कि एक संदेश था कि छोटे जिलों की गलियों से निकले सपने भी राष्ट्रीय मंच तक पहुंच सकते हैं।
आस्मिता लीग का कमाल
बिहार की यह जीत अचानक नहीं आई। इसके पीछे थी आस्मिता लीग की मेहनत और वर्षों की तैयारी। इस टीम की 12 में से 10 खिलाड़ी इसी लीग से तैयार हुईं। आस्मिता लीग यानी Achieving Sports Milestone by Inspiring Women Through Action पिछले तीन साल में बिहार में लड़कियों के खेल की परिभाषा ही बदल चुकी है। यह लड़कियां कभी रग्बी के नाम तक से अनजान थीं लेकिन आज यही खेल उनकी पहचान बन गया है। यह लीग अब बदलाव का दूसरा नाम बन चुकी है और यह बदलाव सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं रहा।
Khelo India और महिला सशक्तिकरण
आस्मिता लीग Khelo India के जेंडर न्यूट्रल मिशन का हिस्सा है। इसका मकसद है महिलाओं को खेलों से जोड़ना और उनके लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन करना। 2021 में शुरू हुई यह लीग न सिर्फ महिलाओं की भागीदारी बढ़ा रही है बल्कि देशभर से नई प्रतिभाओं को खोजने का भी एक सशक्त मंच बन चुकी है। Sports Authority of India इस लीग को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर संचालित करने में National Sports Federations की मदद करता है। इसका असर अब साफ दिखने लगा है खासकर बिहार जैसी जगहों में जहां लड़कियों का खेलों में आना कभी सपना ही माना जाता था।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
जब इस ऐतिहासिक जीत के बाद अंशु सलोनी और अल्पना से बात की गई तो उनकी आंखों में आंसू थे लेकिन ये आंसू खुशी और गर्व के थे। अंशु फिलहाल 12वीं की छात्रा हैं और उनके पिता मिठाई की छोटी सी दुकान चलाते हैं। उन्होंने पुणे में हुए अंडर 14 नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपने सफर की शुरुआत की थी। सलोनी एक ठेला खींचने वाले की बेटी हैं और आज वे गर्व से बताती हैं कि उन्होंने मलेशिया में हुए एशियन रग्बी चैंपियनशिप में भारत की अंडर 18 टीम की कप्तानी की थी। अल्पना की कहानी सबसे प्रेरणादायक है। उन्होंने कॉलर बोन फ्रैक्चर और एक बड़े सड़क हादसे से उबर कर दोबारा मैदान में वापसी की और दिखा दिया कि हिम्मत हो तो कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती।
सपनों की नई उड़ान
अल्पना ने कहा कि यह गोल्ड मेडल सिर्फ हमारा नहीं है यह हर उस लड़की का है जो बड़े सपने देखती है। यह उनके माता पिता का है जो हमारी ताकत बने और हमारे कोच का है जिन्होंने हम पर भरोसा किया। Khelo India Youth Games अब सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि एक लॉन्चपैड बन चुका है। अंशु सलोनी और अल्पना जैसी खिलाड़ियों के लिए यह मेडल सरकारी नौकरी नेशनल कैंप और लंबे करियर की शुरुआत है। लड़कियों ने खुशी से बताया कि उन्होंने अपनी सीनियर्स को मेडल जीतने के बाद सरकारी नौकरी मिलते देखा है और अब यही सपना उनका भी है। गोल्ड जीतने के बाद इन तीनों खिलाड़ियों ने लड़कों की टीम के साथ जश्न मनाया जिन्होंने ओडिशा को हराकर गोल्ड जीता था। बिहार रग्बी के लिए यह दिन ऐतिहासिक बन गया। तालियों के बीच खुशी के आंसू और जश्न के माहौल में एक बात साफ हो गई कि यह तो बस शुरुआत है। आस्मिता लीग इन बेटियों के लिए एक मजबूत नींव बन चुकी है और Khelo India Youth Games ने उन्हें एक बड़ा मंच दिया है। अब बिहार की ये बेटियां उस भविष्य की ओर बढ़ रही हैं जो उम्मीदों और अवसरों से भरा हुआ है।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0