Bihar: पटना के आस-पास सर्दियों का मज़ा, राजगीर और बोधगया में ठंडी हवाओं और धूप का सुखद आनंद
Bihar: सर्दियों का मौसम, यानी नवंबर से फरवरी तक, पटना और आसपास के पर्यटन स्थलों के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इस समय हल्की धूप और
Bihar: सर्दियों का मौसम, यानी नवंबर से फरवरी तक, पटना और आसपास के पर्यटन स्थलों के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इस समय हल्की धूप और ठंडी हवाओं के साथ कोहरा और सुबह-शाम की लालिमा जगहों की सुंदरता को और बढ़ा देती है। शहर से सटे पर्यटन स्थलों में आप परिवार और मित्रों के साथ राजगीर, नालंदा, बोधगया, मनेरशरीफ, पटना सिटी गुरुद्वारा सहित कई अन्य आकर्षक स्थलों पर भ्रमण कर सकते हैं। इन स्थलों पर प्रकृति का मनोरम दृश्य, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व, और शांत वातावरण पर्यटकों को जोश और ऊर्जा से भर देता है। सड़क मार्ग से शहर से 50 से 150 किमी की दूरी पर स्थित ये स्थल आसानी से पहुंच योग्य हैं और हर प्रकार के पर्यटक—इतिहास प्रेमी, प्रकृति प्रेमी या परिवार के साथ घूमने वाले—इनसे आकर्षित होते हैं।
राजगीर शहर से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है और पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह स्थल मगध साम्राज्य की प्राचीन राजधानी होने के साथ धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। प्रमुख आकर्षण केंद्रों में विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार, जापानी मंदिर, रोपवे, घोड़ा कटोरा झील, वेणुवन, वीरयातन, सप्तपर्णी गुफा, गर्म झरना, वैभारगिरि पर्वत शृंखला पर नेचर सफारी एरिया, ग्लास ब्रिज और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष शामिल हैं। सर्दियों में ब्रह्मकुंड में गर्म पानी में स्नान करने से थकान दूर होती है और चर्म रोगों में लाभ मिलता है। विश्व शांति स्तूप के रोपवे और पहाड़ों के बीच झील में स्थित भगवान बुद्ध की संगमरमर प्रतिमा पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
वैशाली और नालंदा: इतिहास और ज्ञान का संगम
राजधानी से लगभग 70 किमी उत्तर में स्थित वैशाली को लोकतंत्र की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। यहां की हरियाली और शांत वातावरण सर्दियों में पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। वैशाली में अशोक स्तंभ, जापानी मंदिर और संग्रहालय प्रमुख आकर्षण हैं। वहीं, नालंदा विश्वविद्यालय, जो विश्व के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, बिहारशरीफ से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ ह्वेनसांग जैसे चीनी यात्री ने शिक्षा ग्रहण की थी और यह स्थान शिक्षा और ज्ञान का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
बोधगया, मनेरशरीफ और लक्ष्मण झूला: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य
बोधगया में महाबोधि मंदिर, पीपल वृक्ष और तिब्बती मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। पावापुरी में जैन तीर्थंकर महावीर का निर्वाण हुआ, और यहाँ जल मंदिर और संगमरमर प्रतिमा देखने योग्य हैं। मनेरशरीफ सूफी संत मखदूम दौलत की याद में बना मकबरा गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक है। पटना जिले के पुनपुन में बना लक्ष्मण झूला, जो 325 मीटर लंबा और 100 फीट ऊंचा है, पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा, बराबर की पहाड़ी और नागार्जुनी पहाड़ियों में स्थित गुफाएं और रोपवे पर्यटन स्थलों को और आकर्षक बनाते हैं। आने वाले दिनों में रोपवे के जरिए पहाड़ों की ऊँचाई और प्राकृतिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण और भी सरल और मनोरम होगा।
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