India-China: सामरिक मोर्चे पर नहीं रुका चीन, अब नक्शे से छेड़छाड़ पर उतरा – भारत ने ठोकी चेतावनी

India-China: चीन एक बार फिर भारत के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदल दिए हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब ची

May 14, 2025 - 11:13
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India-China: सामरिक मोर्चे पर नहीं रुका चीन, अब नक्शे से छेड़छाड़ पर उतरा – भारत ने ठोकी चेतावनी

India-China: चीन एक बार फिर भारत के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदल दिए हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा किया हो। इससे पहले भी वह अरुणाचल को अपना हिस्सा बताकर बार-बार विवाद खड़ा करता रहा है। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन लगातार नक्शों में बदलाव करता आ रहा है और अब उसने 2024 में फिर से 30 जगहों के नए नामों की सूची जारी कर दी है। चीन अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत बताता है और अपने दावे को सही साबित करने के लिए इस तरह की चालें चलता रहता है।

विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

भारत सरकार ने चीन के इस कदम को सख्ती से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने चीन के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक बेकार और फिजूल की कोशिश है। उन्होंने साफ कहा कि भारत ने हमेशा इस तरह की कोशिशों को खारिज किया है और आगे भी करता रहेगा। जायसवाल ने कहा कि चीन की यह हरकत हमारे उस सैद्धांतिक रुख के खिलाफ है जिसके तहत अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन द्वारा नाम बदल देने से सच्चाई नहीं बदल सकती।

अरुणाचल था है और रहेगा भारत का हिस्सा

भारत ने चीन को सख्त संदेश दिया है कि चाहे वह कुछ भी कर ले अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था है और हमेशा रहेगा। चीन का यह दावा न केवल ऐतिहासिक तथ्यों के खिलाफ है बल्कि भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है। अरुणाचल प्रदेश का हर कोना भारत के संविधान के अंतर्गत आता है और वहां की सरकार और प्रशासन पूरी तरह से भारत सरकार के नियंत्रण में है। यह पहली बार नहीं है जब भारत ने चीन की हरकतों का जवाब दिया हो बल्कि इससे पहले भी जब-जब चीन ने नक्शों में बदलाव किया है या नाम बदलने की कोशिश की है तब-तब भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।

सीमा विवाद बना हुआ है बड़ी चिंता

अरुणाचल प्रदेश और चीन के तिब्बत क्षेत्र के बीच की सीमा लंबे समय से विवाद का कारण बनी हुई है। चीन द्वारा बार-बार इस सीमा पर विवाद खड़ा करना और नक्शों में बदलाव लाना दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा देता है। भारत हमेशा से बातचीत और शांति के रास्ते को प्राथमिकता देता आया है लेकिन चीन की यह उकसाने वाली हरकतें हालात को और मुश्किल बना देती हैं। ऐसे में भारत की सख्ती और सटीक जवाब जरूरी हो जाता है ताकि देश की अखंडता और सम्मान को कोई चुनौती न दे सके। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी सीमाओं के साथ कोई समझौता नहीं होगा और हर स्थिति में वह अपने अधिकारों की रक्षा करेगा।

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