बिहार में नीतीश सरकार, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे की मंत्री पद पर नियुक्ति पर सवाल, जानिए उपेंद्र का जवाब

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर से NDA गठबंधन की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री के रूप में नितीश कुमार का कार्यकाल जारी रहेगा। इस बार Upendra

Nov 22, 2025 - 11:24
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बिहार में नीतीश सरकार, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे की मंत्री पद पर नियुक्ति पर सवाल, जानिए उपेंद्र का जवाब

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर से NDA गठबंधन की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री के रूप में नितीश कुमार का कार्यकाल जारी रहेगा। इस बार Upendra Kushwaha की पार्टी भी NDA में शामिल हुई है, जिसने गठबंधन को और मजबूत बनाया है। सत्ता में वापसी के साथ ही कई चर्चित मुद्दे भी उभरे, जिनमें Upendra Kushwaha के पुत्र दीपक प्रकाश का मंत्री पद ग्रहण सबसे अधिक चर्चा में रहा। इससे सियासी गलियारों में परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के आरोप लगे।

नेपोटिज्म के आरोपों पर Upendra Kushwaha का जवाब

दीपक प्रकाश को मंत्री पद मिलने के बाद विपक्षी दलों ने Upendra Kushwaha और NDA पर नेपोटिज्म के गंभीर आरोप लगाए। इस विवाद पर Upendra Kushwaha ने ट्विटर (X) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आलोचनाएं स्वाभाविक हैं और कुछ आलोचनाएं तटस्थ और सकारात्मक होती हैं, जबकि कुछ पक्षपाती होती हैं। उन्होंने दोनों तरह की आलोचनाओं का सम्मान करते हुए साफ किया कि उनके फैसले के पीछे पार्टी के भविष्य को बचाने की मजबूरी थी। उनका मानना है कि यह कदम न केवल जरूरी था बल्कि अपरिहार्य भी था।

पार्टी के अस्तित्व की रक्षा के लिए लिया कठिन फैसला

Upendra Kushwaha ने बताया कि पार्टी के पिछले दौर में एक ऐसी स्थिति आई थी जब पार्टी को विलय कर देना पड़ा था, जो कि लगभग आत्मघाती फैसला था। उस समय भी पार्टी को बहुत आलोचना झेलनी पड़ी थी लेकिन संघर्ष के बाद पार्टी ने सांसद और विधायक बनाए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं आने देनी थी क्योंकि पार्टी का भविष्य दांव पर था। इसीलिए, आलोचनाओं के बावजूद उन्होंने ऐसा कदम उठाया जो पार्टी को शून्य की स्थिति में जाने से बचा सके। उन्होंने इसे ‘जहर पीने’ की तरह बताया, जो उनके लिए एक कठिन लेकिन जरूरी फैसला था।

आलोचकों को दिया करारा जवाब

अपने आलोचकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सवाल जहर पीने का था, जो उन्होंने पी लिया। अब लोग इस बात से नाराज हैं कि वह फिर से जीवित हैं और सक्रिय हैं। उन्होंने अपने फैसले पर डटे रहने का भरोसा दिलाया और बताया कि राजनीतिक निर्णय अक्सर लोकप्रियता को खतरे में डालते हैं, लेकिन पार्टी की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्णय लेने में हमेशा जोखिम होता है, लेकिन पार्टी की भलाई के लिए उन्होंने वह जोखिम उठाया।

दीपक प्रकाश के बारे में Upendra Kushwaha का पक्ष

Upendra Kushwaha ने अपने बेटे दीपक प्रकाश का बचाव करते हुए कहा कि वह कोई नाकाम छात्र नहीं हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है और अपने पूर्वजों के मूल्यों को अपनाए हुए हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि दीपक को कुछ समय दें और उनके काम को देखकर भरोसा करें। Upendra ने जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति की योग्यता और क्षमता से उसकी पहचान होनी चाहिए, न कि जाति या परिवार से। उन्होंने अपने बेटे को भविष्य में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बताया।

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