Nitish Kumar: 10वीं बार शपथ! नीतीश कुमार की वापसी में क्या छुपा है सत्ता संतुलन का बड़ा खेल?

बिहार की राजनीति आज एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बनी है। राज्य में स्थिरता और अनुभवी नेतृत्व की पहचान बन चुके Nitish Kumar ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ

Nov 20, 2025 - 17:13
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Nitish Kumar: 10वीं बार शपथ! नीतीश कुमार की वापसी में क्या छुपा है सत्ता संतुलन का बड़ा खेल?

बिहार की राजनीति आज एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बनी है। राज्य में स्थिरता और अनुभवी नेतृत्व की पहचान बन चुके Nitish Kumar ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। इससे साफ संकेत मिलता है कि नई सरकार में शक्ति का संतुलन और जिम्मेदारियों का विभाजन स्पष्ट तौर पर तय किया गया है। नीतीश कुमार का फिर से मुख्यमंत्री पद संभालना बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत है। जनता को उम्मीद है कि यह टीम शासन-प्रशासन में सुधार लाएगी, विकास कार्यों को रफ्तार देगी और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखेगी।

हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने कुल 202 सीटें जीतकर शानदार सफलता हासिल की। यह जीत एनडीए की मजबूती और बिहार में नीतीश कुमार की लोकप्रियता का प्रमाण है। लोगों ने फिर एक बार अनुभव और स्थिरता को चुना है। इस बड़ी जीत के बाद पटना का गांधी मैदान आज के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पूरी तरह सजाया गया था। एनडीए के इस प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में एक मजबूत सरकार का आधार तैयार कर दिया है। जनता की निगाहें अब इस नई सरकार की नीतियों, फैसलों और विकास योजनाओं पर टिकी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी से बढ़ी समारोह की भव्यता

मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पटना पहुंचे और समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, एनडीए के घटक दलों के प्रमुख, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। यह समारोह न सिर्फ नीतीश कुमार के नेतृत्व का सम्मान था, बल्कि एनडीए की एकजुटता और राजनीतिक ताकत को भी मजबूत संदेश देने वाला मंच बन गया। समारोह की भव्यता ने साफ कर दिया कि बिहार की राजनीति में यह क्षण कितना महत्वपूर्ण है।

दो उपमुख्यमंत्री का फैसला: संगठन संतुलन और राजनीतिक संदेश

सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाने के पीछे कई राजनीतिक समीकरण और रणनीतियाँ जुड़ी हैं। सम्राट चौधरी को लंबे समय से मुख्यमंत्री पद की रेस में माना जा रहा था, जबकि विजय सिन्हा भाजपा के प्रभावशाली नेताओं में शामिल हैं। दोनों को उपमुख्यमंत्री बनाकर एनडीए ने संगठनात्मक संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व और राजनीतिक मैसेज—तीनों चीज़ों को साधने की कोशिश की है। इससे सरकार के कामकाज में मजबूती की उम्मीद भी बढ़ी है। उधर, शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए गांधी मैदान में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे। ड्रोन सर्विलांस, बैरिकेडिंग, वीआईपी मूवमेंट, एलईडी स्क्रीन और विशेष सजावट ने इस आयोजन को और अधिक आकर्षक और सुरक्षित बना दिया।

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