Bihar Assembly Elections 2025: तेजस्वी यादव के समर्थन में उतरीं मिसा भारती, NDA के चुनावी वादे पर कसा तंज!
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। इसी बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। इसी बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी चुनावी मैदान में सक्रिय हो गई हैं। वह अपने भाई तेजस्वी यादव के समर्थन में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में रोड शो कर मतदाताओं से वोट की अपील कर रही हैं। जनता के बीच उतरकर उन्होंने एनडीए गठबंधन और उनके घोषणापत्र पर तीखा हमला बोला है।
एनडीए के वादों पर मीसा भारती का तंज: “इतना पैसा आएगा कहां से?”
चुनावी माहौल में एनडीए गठबंधन ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए युवाओं को 1 करोड़ सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है। इसी वादे पर निशाना साधते हुए मीसा भारती ने सवाल उठाया, “वे इतनी नौकरियां देंगे तो इतना पैसा कहां से लाएंगे?” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “क्या किसी के बाप के घर से पैसा आएगा?” उनके इस बयान ने चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया दोनों पर हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि एनडीए अब ‘जंगल राज’ की बात नहीं कर सकता, क्योंकि आज बिहार में विकास और रोजगार की दिशा में तेजस्वी यादव की अगुवाई में काम हो रहा है। मीसा ने कहा, “अब बिहार में जंगल राज नहीं, बल्कि मंगल राज है। अब उन्हें जंगल राज दिखाई नहीं देता।”
राजनीतिक हलचल तेज, बयान पर गरमा गया माहौल
मीसा भारती का यह बयान राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा का विषय बन गया है। एनडीए नेताओं ने इसे राजद की “निराशा और हताशा” का प्रमाण बताया, जबकि राजद समर्थक इसे “जनता के सवालों की आवाज” कह रहे हैं। बिहार की राजनीति में बयानबाज़ी का दौर चरम पर है — हर दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहा है। मीसा भारती की चुनावी सक्रियता ने न केवल तेजस्वी यादव के अभियान को मजबूती दी है, बल्कि महिला मतदाताओं और युवाओं के बीच नई ऊर्जा पैदा की है। उनका रोड शो राघोपुर के कई इलाकों में भारी भीड़ जुटा रहा है, जो राजद के जनाधार को और मजबूत करता दिख रहा है।
एनडीए गठबंधन ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए हैं। प्रमुख रूप से, इसमें अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ सरकारी नौकरियां देने, महिलाओं को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने और हर जिले में एक उद्योगिक पार्क और फैक्ट्री स्थापित करने की बात कही गई है। इसके अलावा, खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्पोर्ट्स” बनाने का भी वादा किया गया है। एनडीए का दावा है कि ये वादे बिहार को आत्मनिर्भर और औद्योगिक राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि एनडीए के पिछले कार्यकाल में भी ऐसे वादे किए गए थे, लेकिन वे धरातल पर नजर नहीं आए। वहीं, “ऑल इंडिया एलायंस” ने कुछ दिन पहले ही अपना घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें युवाओं के रोजगार, शिक्षा सुधार, और महंगाई नियंत्रण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई थी। अब देखना यह होगा कि मतदाता किसके वादों पर भरोसा करते हैं और बिहार की जनता 2025 में किसे सत्ता की चाबी सौंपती है।
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