Deepak Prakash को मिला मंत्री पद—पर छह महीनों में क्या बड़ी चुनौती सामने?

Deepak Prakash: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद 20 नवंबर को नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 26 अन्य

Nov 21, 2025 - 09:09
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Deepak Prakash को मिला मंत्री पद—पर छह महीनों में क्या बड़ी चुनौती सामने?

Deepak Prakash: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद 20 नवंबर को नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 26 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम की हो रही है, वह है दीपक प्रकाश। दिलचस्प बात यह है कि दीपक न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य, फिर भी उन्हें मंत्री बनाया गया है। वे एनडीए की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके नेता उपेंद्र कुशवाहा हैं। यही वजह है कि उनके अचानक मंत्री बनने को राजनीतिक हलकों में एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है।

दीपक प्रकाश राजनीति में नए हैं, लेकिन उनका राजनीतिक आधार काफी मजबूत है क्योंकि वे उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। अमेरिका में पढ़ाई पूरी कर वापस लौटे दीपक ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। चूंकि वे विधायक या एमएलसी नहीं हैं, इसलिए संविधान के अनुसार उन्हें छह महीनों के भीतर किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा। विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं, इसलिए अगले छह महीनों में उनका मार्ग चुना गया है—उन्हें विधान परिषद (MLC) बनाया जाएगा। बताया जाता है कि दीपक का जन्म वर्ष 1989 में हुआ और उन्होंने 2011 में सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से बी.टेक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने विदेश में काम किया, लेकिन सार्वजनिक जीवन में उनकी उपस्थिति लगभग न के बराबर रही है। यही वजह है कि उन्हें “राजनीति में नए, लेकिन पृष्ठभूमि मजबूत” व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

शपथ के बाद दीपक प्रकाश का बयान: पिता और एनडीए नेतृत्व के प्रति आभार

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद दीपक प्रकाश ने कहा कि वे इस अवसर के लिए अपने नेता और पिता उपेंद्र कुशवाहा तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति आभारी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करना उनके लिए सम्मान की बात है। उनका यह बयान यह साफ दर्शाता है कि वे राजनीतिक रूप से भले ही नए हों, लेकिन उन्हें शासन और संगठन की जिम्मेदारियों को निभाने का भरोसा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दीपक को मंत्री बनाकर कुशवाहा न केवल अपने राजनीतिक कद को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि अपनी पार्टी की पकड़ और मोल-भाव करने की क्षमता भी बढ़ा रहे हैं।

उपेंद्र कुशवाहा का चुनावी ‘मास्टरस्ट्रोक’: पत्नी MLA, बेटा मंत्री और जल्द बनेगा MLC

इस चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने जिस तरह रणनीतिक चालें चलीं, उसने उन्हें बड़ी राजनीतिक ताकत प्रदान की है। पहले उन्होंने अपनी पत्नी को टिकट दिलवाया, जो जीतकर विधानसभा पहुँचीं। इसके बाद उनकी पार्टी के चार विधायक जीतकर आए—जो उनकी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत कर देता है। अब उन्होंने अपने बेटे दीपक को मंत्री पद दिलवाकर एक और बड़ा कदम उठा लिया है। अगले छह महीनों में दीपक का एमएलसी बनना लगभग तय है। चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि इस चुनाव ने कुशवाहा को नई ऊर्जा और भविष्य की राजनीति में ज्यादा वज़न प्रदान किया है। पत्नी के विधायक बनने और बेटे के मंत्री बनने के बाद अब उनकी पार्टी विधानसभा में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में दिखाई दे रही है।

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