चुनाव हार के बाद Seema Kushwaha के तीन धमाकेदार ट्वीट—“मैं बर्बाद हूँ”… RJD में क्या चल रहा है?
आरजेडी की नेता Seema Kushwaha एक बार फिर चर्चा में हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के चौंकाने वाले नतीजों के बाद उन्होंने सिर्फ एक घंटे के भीतर तीन लगातार ट्वीट
आरजेडी की नेता Seema Kushwaha एक बार फिर चर्चा में हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के चौंकाने वाले नतीजों के बाद उन्होंने सिर्फ एक घंटे के भीतर तीन लगातार ट्वीट कर अपनी पीड़ा और नाराज़गी खुलकर जाहिर की। आरजेडी की करारी हार से सीमा कुशवाहा सदमे में भी हैं और दुखी भी। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “जो भी कोस रहे हैं, बस कीजिए… मैं बर्बाद हो गई।” उनके इस ट्वीट ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी, क्योंकि आरजेडी समर्थकों में भी हार को लेकर गुस्सा और निराशा भरा हुआ है। सीमा के शब्दों ने यह साफ कर दिया कि पार्टी की हार केवल नेतृत्व के लिए ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और दावेदारों के लिए भी एक बड़ा झटका है।
अपने दूसरे ट्वीट में Seema Kushwaha ने इशारों-इशारों में नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने लिखा कि जब “रिश्वत परंपरा बन जाती है, तब न्याय सिर्फ किताबों में रह जाता है।” यह टिप्पणी सीधे तौर पर नीतीश सरकार की महिलाओं को दिए गए ₹10,000 की योजना पर थी, जो चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रही। विपक्ष ने इसे खुली रिश्वत बताते हुए चुनावी नैतिकता पर गंभीर सवाल उठाए थे। आरजेडी सहित कई दलों का आरोप था कि सरकार ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया। सीमा के ट्वीट ने इन आरोपों को फिर हवा दी और यह जताने की कोशिश की कि चुनावी प्रक्रिया में धांधली और अनैतिक तरीकों के इस्तेमाल ने वास्तविक जनादेश को प्रभावित किया।
तीसरे ट्वीट में दर्द, तकदीर और तकलीफ का ज़िक्र
अपने तीसरे ट्वीट में सीमा ने अपने मन की बेचैनी और जीवन के संघर्षों को भावुक अंदाज़ में उजागर किया। उन्होंने लिखा, “भगवान ने जो लिखा है, वह सहना ही पड़ेगा, क्योंकि परेशानियां बिकती नहीं और सुकून खरीदा नहीं जा सकता।” यह ट्वीट उनके निजी संघर्षों, राजनीतिक निराशा और भविष्य के अनिश्चित रास्ते को दर्शाता है। बताया जा रहा है कि पिछले चुनाव में सीमा कुशवाहा को आरजेडी से विधानसभा टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन आखिरकार उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बावजूद उन्होंने पार्टी के लिए जी-जान से प्रचार किया। उन्होंने छपरा में आरजेडी उम्मीदवार और भोजपुरी स्टार खेसारीलाल यादव के लिए भी प्रचार किया, लेकिन खेसारीलाल भी चुनाव हार गए। ऐसे में सीमा की निराशा का फूटना स्वाभाविक माना जा रहा है।
सोशल मीडिया में हमेशा सुर्खियों में रहने वाली नेता
सीमा कुशवाहा रोहतास ज़िला परिषद की पूर्व सदस्य हैं और सोशल मीडिया पर अपनी अलग शैली और रील्स के लिए अक्सर चर्चा में रहती हैं। उनके वीडियो और बयानों पर बड़ी संख्या में लोग प्रतिक्रिया देते हैं। इस बार भी उनके ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, और राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे आरजेडी खेमे में बढ़ती बेचैनी और अंदरूनी असंतोष का संकेत माना। सीमा जैसी जमीनी नेता की पीड़ा यह दर्शाती है कि हार सिर्फ पार्टी स्तर पर नहीं, बल्कि उन कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए भी गहरी चोट छोड़ती है जिन्होंने चुनाव में अपना समय, मेहनत और उम्मीदें लगाई थीं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी आने वाले समय में सीमा कुशवाहा की इस नाराज़गी को कैसे संभालती है और पार्टी में क्या बदलाव होते हैं।
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