Chirag Paswan-तेजस्वी की अचानक मुलाकात ने मचाया सियासी हलचल! क्या बनेगा नया गठबंधन या बस पारिवारिक रिश्ता?
Chirag Paswan ने हाल ही में नवादा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की और उनके साथ अपने पारिवारिक रिश्तों पर बात की। चिराग ने साफ कहा कि उनके और तेजस्वी के बीच पारिवारिक रिश्ते उनके पिता से शुरू हुए थे। चिराग के पिता रामविलास पासवान और तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव के बीच जो पुराने संबंध रहे हैं वही आगे तक चले।
Chirag Paswan ने हाल ही में नवादा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की और उनके साथ अपने पारिवारिक रिश्तों पर बात की। चिराग ने साफ कहा कि उनके और तेजस्वी के बीच पारिवारिक रिश्ते उनके पिता से शुरू हुए थे। चिराग के पिता रामविलास पासवान और तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव के बीच जो पुराने संबंध रहे हैं वही आगे तक चले। इसलिए चिराग ने कहा कि उनके और तेजस्वी के बीच पारिवारिक जुड़ाव तो है पर यह राजनीति से बिल्कुल अलग है। उन्होंने बताया कि हम सामाजिक रूप से एक दूसरे से बात कर सकते हैं पर हमारे विचारों में बहुत ज्यादा फर्क है।
राजनीतिक गठबंधन पर साफ इनकार
चिराग पासवान ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि तेजस्वी यादव के साथ उनका कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं हो सकता। उन्होंने याद दिलाया कि 2020 के विधानसभा चुनावों के समय भी अगर गठबंधन संभव होता तो उस समय ही हम साथ आ जाते। लेकिन मैंने उस समय हर गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। यह बताता है कि हमारे रास्ते राजनीतिक तौर पर अलग हैं। चिराग ने कहा कि विचारधाराओं में फर्क होने के कारण राजनीतिक साथ आना मुश्किल हो जाता है चाहे पारिवारिक या सामाजिक रिश्ते अच्छे क्यों न हों।
चिराग पासवान नवादा में शहीद मनीष कुमार के परिवार से मिलने पहुंचे थे। मनीष कुमार जम्मू कश्मीर में एक सैन्य अभियान के दौरान शहीद हो गए थे। चिराग ने शहीद के परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। इस दुख की घड़ी में उन्होंने परिवार के साथ संवेदना जताई और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार और पूरा देश उनके साथ खड़ा है। चिराग का यह दौरा पूरी तरह से मानवीय आधार पर था जहां राजनीति की कोई जगह नहीं थी।
तेजस्वी यादव से अनायास मुलाकात
इसी दौरान वहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे। चिराग और तेजस्वी की यह मुलाकात बिल्कुल संयोगवश हुई। दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और थोड़ी देर बात की। यह मुलाकात पूरी तरह सामाजिक थी और इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। चिराग ने भी इस पर जोर देते हुए कहा कि सामाजिक स्तर पर बातचीत हो सकती है लेकिन विचारधारात्मक और राजनीतिक स्तर पर दोनों बिल्कुल अलग खड़े हैं।
चिराग पासवान की तेजस्वी यादव से इस मुलाकात के बाद मीडिया में कई तरह की अटकलें शुरू हो गईं। लोग अनुमान लगाने लगे कि क्या यह दोनों नेताओं के बीच भविष्य में कोई गठबंधन का संकेत है। लेकिन चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक सामाजिक मुलाकात थी और इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम राजनीतिक रूप से एक होते तो 2020 में ही गठबंधन कर चुके होते। इसलिए मीडिया को इस मुलाकात को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। यह केवल एक मानवीय क्षण था जहां दो नेता एक शहीद के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे।
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